जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल दौड़ा वन विभाग खोदी गई खाई को किया बंद, रास्ता किया गया बहाल
पूँछ (झाँसी)-थाना क्षेत्र के ग्राम पनारी परैछा सहित चार गांव के रास्तो को वन विभाग द्वारा खोदकर बन्द करने का मामला आज जिलाधिकरी झाँसी के समक्ष पहुंचा जिसमे पीड़ित ग्रामीण दर्जनों की संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन देते हुए बताया कि सयुक्त ग्राम पंचायत परैछा में मार्ग पर वन विभाग द्वारा अपनी मन मर्जी से सड़क के किनारे गहरी खाई खोद दी है जिसके कारण करीब चार गांव में स्वास्थ्य शिक्षा सहित कृषक कार्यो में बाधा उत्पन्न हो रही है साथ ही मतदान के वहिष्कार की बात रखी गई जिला अधिकारी झाँसी द्वारा ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से वन विभाग को सड़क पर खोदी गई खाई को पाटने के आदेश दिए गए जिसके बाद तुरंत ही जेसीबी मशीन के माध्यम से खाई को पाट दिया गया वही मौके पर पहुँचे क्षेत्रीय विधायक जवाहर लाल राजपूत द्वारा ग्रामीणों को आस्वाशन देते हुए बताया कि चार जून के बाद धिमरपुरा गांव के निवासियों के स्थाई निवास की व्यवस्था को कर दिया जाएगा साथ ही नायाब तहसीलदार नाशीम अख्तर द्वारा ग्रामीणों से चर्चा करते हुए मार्ग के बारे में बात की जिसके बाद ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम से एक रास्ता सिलारी की ओर जाता है जो कि बेहद में है उस रास्ते को पक्का कर दिया जाए तो रास्ता निकल आएगा वही जानकारी के मुताविक वन विभाग की भूमि क्रमांक 987 जिसका क्षेत्रफल करीब 10.667 है वही ग्रामीणों ने अपने अधूरे व टूटे हुए आवासों के बारे में चर्चा की तो क्षेत्रीय विधायक ने वताया की चुनाव वाद प्रमुखता के साथ आप लोगो के मार्ग एवं आवासों के लिए कार्य किया जाएगा।
चौबीस परिवारों पर लटक रही है तलबार
धिमरपुरा गांव जो कि वर्ष 1983 में वेतवा नदी में आई बाढ़ के कारण चौबीस परिबार परैछा गांव से अलग हो गए थे जिन्हें तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा उक्त नम्बर में स्थापित किया गया था जिसके बाद ग्राम में शाशन कि योजनाओ को भी दिया गया लेकिन चालीस साल के बाद वन विभाग अपनी जमीन का राग अलापने लगा।
पूर्व ग्राम प्रधान पार्थ सिंह ने बताया की सयुक्त ग्राम पंचायत से करोड़ो रुपयों का राजस्व सरकार के पास पहुंचता है लेकिन दुर्भाग्य है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी हमारे ग्रामो को नेशनल हाइवे से नही जोड़ा गया साथ ही शाशन को गांव का मुख्य मार्ग ही पता नही है।