पंजाब नैशनल बैंक कटेरा का कारनामा मृत्यु के सात साल बाद खातेदार ने आकर निकाल लिए अपने खाते से 42 हजार रूपये
0 तत्कालीन शाखा प्रबंधक के समय हुआ यह घोटाला
0 मामले को दबाने में लगे हैं बैंक कर्मचारी
कटेरा(झांसी)-कस्बा कटेरा स्थित पंजाब नैशनल बैंक के कर्मचारियों ने एक अनोखा काम कर डाला जिसे सुनकर लोगों के होश उड गये मामले को जो भी सुनता है वह आश्चर्य में पड जाता है कि बैंक कर्मचारी इस तरह का कार्य भी कर सकते हैं वहीं इस तरीके की घटना से बैंक की विश्वसनीयता पर लोग सबाल खडे कर रहे हैं दरअसल कटेरा स्थित पंजाब नैशनल बैंक से एक मामला निकल कर सामने आया हैं जहां कोई खातेदार जिसकी मृत्यु वर्ष 2016 में हो गयी थी जिसके खाते में लगभग 42 हजार रूपये जमा थे लेकिन काफी समय होने तक उसके परिजनों ने उसके खाते को चैक नहीं कराया लेकिन अप्रैल 2024 में परिजनों ने उस खाते का बैलेन्स चैक करवाया तो बताया गया कि इस खाते में मामूली रकम ही शेष है जिस पर परिजनों ने खाते का स्टेटमेन्ट निकलवाया तो पता चला कि माह फरवरी 2023 में खातेदार द्वारा अपने खाते से 42 हजार रूपये निकाल लिये हैं इस पर परिजनों का माथा ठनका और उन्होने बैंक अधिकारी को बताया कि खातेदार की मृत्यु तो 2016 में हो चुकी है कोई मृत खातेदार सात साल बाद कैसे पैसे निकाल सकता है इस बात की खबर से बैंक कर्मचारियों में हडकम्प मच गया साथ ही जब बैंक में इस तरह की घटना की जानकारी लोगों को लगी तो लोग खाताधारक भौचक्के रह गये कि बैंक में इस तरह का फर्जीवाडा भी हो सकता है मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है लोगों में चर्चा है कि उक्त रकम या तो बैंक कर्मचारियों ने निकाली है या बैंक कर्मचारियों की सांठ-गांठ से यह फर्जीवाडा हुआ है वहीं बैंक के एक सेवानिवृत्त अधिकारी का कहना है कि बिना बैंक कर्मचारियों की सांठ-गांठ के किसी के खाते से रकम निकालना सम्भव नहीं है क्योंकि जब कोई खातेदार अपने खाते से रकम निकासी के लिए बैंक जाता है तो निकासी पर्ची पर रकम भरकर अपने हस्ताक्षर या अंगूठा की छाप लगाता है जिसे कोई बैंक अधिकारी या बाबू खातेदार के खाते में धन होने की पुष्टि करता है तथा उस खाताधारक के हस्ताक्षर अंगूठा छाप तथा खातेदार की फोटो का मिलान करता है तब धन निकासी की सहमति देता हैं तथा निरक्षर होने की स्थिति में एक व्यक्ति जिसका उसी बैंक शाखा में खाता हो उसकी गवाही लगवाता है उस गवाह के खाते की भी जांच करता है इसके बाद बैंककर्मी उस खातेदार के खाते में रकम निकासी की इन्टी करता है तथा कैशियर को निकासी पर्ची दे देता है तब कैशियर उक्त खातेदार को रकम दे देता है इतनी प्रक्रिया होने के बाद चूक होने की गुजाइस नहीं रहती है फिर भी यदि चूक होती है तो एक कर्मचारी से संभव है एक साथ सभी कर्मचारियों से चूक नहीं हो सकती है यह जांच का विषय है ऐसा मामला होने पर लोग बैंक की गोपनीयता व विश्वसनीयता पर सबाल खडे कर रहे है कस्बा में चारों ओर इस मामले की चर्चा जोरों पर है कि बैंक कर्मियों की सांठ-गांठ से इस धन की निकासी हुई होगी सूत्र बताते हैं कि ऐसा तो बैंक में कई सालों से चल रहा है यदि बैंक की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच हो जाए तो कई मामले उजागर हो जाऐंगे