कोई भी व्यक्ति अपने आप मे नही है परिपूर्ण अपने आप के भीतर झांके तो कोई न कोई कमी मिलेगी- अबिरल तिवारी
पूँछ(झाँसी)-कस्बा पूँछ में हार्टफुलनेस संस्थान के तत्वधान व रजनीश यादव के संयोजन में ध्यान साधना शिविर का आयोजन किया गया जिसमें कस्बे के सभी उम्र के महिला पुरुषों ने पहुंच कर ध्यान साधना को समझा साथ ही अभ्यास भी किया ध्यान साधना में मुख्य बक्ता के रूप में रहे अबिरल तिवारी ने बताया कि ध्यान योग एक विशेष योग है जो कि पुरातन काल से ही ऋषि महाऋषियों के द्वारा ध्यान एवं उसकी मुद्राओं के ऊपर केई ग्रंथ लिखे है ध्यान के बिना ईश्वर से आत्मसात होना सम्भव नही है ध्यान योग के माध्यम से ही व्यक्ति अन्तर्मुखी होकर सबसे पहले अपना महत्व फिर उस परमसत्ता को पहचानता है साथ ही बताया कि शुरुआती समय मे ही साधक को अपने विचारों की सुद्धि का अहसास स्वयं होने लगता है गीता में लिखा गया है कि ” अभ्यास से शास्त्र ज्ञान श्रेष्ठ है शास्त्र ज्ञान से ध्यान श्रेष्ठ है” चाहे कोई भी ही अपने आप मे परिपूर्ण नही है यदि हम अपने भीतर देखे तो हमे अपने अंदर कोई न कोई ऐसी बुरी आदत मिलेगी जिससे हम पीछा छुड़ाना चाहते हो अच्छी बात यह है कि यह आदते कोई पत्थर की लकीर नही होती इन्हें बदला जा सकता है तीन दिवसीय चलने बाले ध्यान साधना शिविर में लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है वही आयोजक ने बताया कि मेडिटेशन की एक क्लास कस्बे लगाए जाने की वार्ता चल रही है अगर बात बनती है तो जल्द ही हार्टफुलनेस संस्था एक क्लास लगाएगी इस दौरान मुख्य रूप से शम्भू दयाल बाबूजी, उमाशंकर, प्रीति अग्रवाल, अनिता सविता, सहित प्रकाश सिंह आदि मौजूद रहे।